इस अनुच्छेद में, आप जानेंगे
प्लेसेंटा प्रीवाया: एक परिचय
प्लेसेंटा प्रीवाया: लक्षण
प्लेसेंटा प्रीवायाः कारण
प्लेसेंटा प्रीवाया: किस महिला को इस बीमारी के होने का अंदेशा ज्यादा होता है।
प्लेसेंटा प्रीवाइया: इस बीमारी से ग्रसित महिलाओ को किस प्रकार के जटिलताओं का सामना करना पड़ता है।
प्लेसेंटा प्रीवाया: परिचय।
नाल माश्पेसी की संरचना है। जो गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय में विकसित होती है और भ्रूण का भरण पोषण करती है। प्लेसेंटा ( नाल ) से भ्रूण (शिशु ) को खाद्य पोषण, रक्त और अन्य एंटीबॉडी (जो उसकी रक्षा बीमारियों से करती है) मां से प्राप्त करता है । नाल गर्भाशय के निचले तरफ स्थित होती है। प्लेसेंटा प्रिविया में, नाल-गर्भाशय सर्विक्स को ढाक लेती है, और इसके कारण गर्भावस्था के दौरान गंभीर रक्तस्राव होता है। गर्भावस्था के दोरान यदि प्लेसेंटा प्रिविआ होता है, तो सीज़ेरियन डिलीवरी करवानी पड़ती है अथवा इसकी आवशकता पड़ती है। कई बार ऐसी संभावना होती है , कि यह गर्भावस्था के उत्तरार्ध में ही यह समस्या हल हो जाये और डिलीवरी नार्मल (प्राकृतिक) तरीके से हो ।
प्लेसेंटा प्रीवाया: लक्षण
प्लेसेंटा प्रिविया के लक्षण निम्नानुसार हैं:
- गर्भावस्था के दूसरे और तीसरे तिमाही के दौरान उज्ज्वल लाल रंग का योनि से रक्त का स्त्राव होना।
- कुछ महिलाओं में मरोड़ के भी लक्षण देखने को मिलते है।
यदि आपको गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह का रक्त स्त्राव योनि से हो तो इसकी सूचना तुरंत अपने डॉक्टर को दे। अथवा तुरंत अपने चिकित्सक सलाहकार को फोन करें या अपने डॉक्टर के साथ एक नियुक्ति बुक करें।
प्लेसेंटा प्रीवायाः कारण
इस विकार के सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। वैज्ञानिक अभी इस बीमाती पर शोद कर रहे है।
प्लेसेंटा प्रीवाया: किस महिला को इस बीमारी के होने का अंदेशा ज्यादा होता है।
प्लेसेंटा पीटीया होने की संभावना महिलाओं इन को होने के सम्भावना ज्यादा होती है जो निम्नलिखित कारणों में खुद को पति है। आम महिला के अपेक्षा यह महिलाये प्लेसेंटा प्रिविआ के शिकार हो इसकी सम्भावना ज्यादा होती है।
१. जो दूसरी बार गर्भ धारण कर रही है।
२. गर्भाशय में सर्जरी करवा चुकी है।
३. जिन महिलाएं गर्भाशय पर पुराने चोट के निशान हैं।
४. जिन महिलाओ के सिजेरियन डिलिवरी पहले हो चुकी हो।
५. जिन महिलाओ को पहले भी प्लेसेंटा प्रिविआ हो चूका हो।
६. एक से अधिक भ्रूण का गर्भाशय में होना अर्थात जुडवा अथवा तिड़वा बचे का गर्भ में होना।
७.. मादक पदार्थों की आदी महिलाए ।
८ धूम्रपान करने वाली महिलाएं के।
९. महिलाएं जो ३५ साल के उम्र के बाद गर्भ धारण करती है।
प्लेसेंटा प्रीवाइया: इस बीमारी से ग्रसित महिलाओ को किस प्रकार के जटिलताओं का सामना करना पड़ता है।
प्लेसेंटा प्रिविआ से पीड़ित महिलाओं के साथ गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं इस प्रकार हैं।
१. गर्भावस्था के दौरान पूरे समय से रक्त स्त्राव होना।
२. नकसीर का होना अथवा वमन करना ।
३. अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हो सकता है समय से पहले हे बच्चे का जनम हो जाये अथवा आपका डॉक्टर अपकी सिज़ेरिअन डिलीवरी कर सकता है। ताकि अप्प और बच्चा दोनों सुरक्षित रहे।
४. महिलाएं शिशु को सिज़ेरियन अर्थात ऑपरेशन से जन्म दे सकती है।
यह जानकारी सिर्फ आपका ज्ञान देने के लिए है हम किसी भी प्रकार आपको चिकित्सीय सलाह नहीं प्रदान करते है अधिक जानकारी अथवा चिकित्या सलाह के लिए वेबसाइट में दिए कॉल करे।