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Diabetes During Pregnancy

Diabetes During Pregnancy- garbh sanskar

In this article, you will learn about

What is diabetes during pregnancy and how it affects the pregnancy?

Symptoms of diabetes in pregnancy

Risk of diabetes

Diabetes during Pregnancy

Diabetes is a disorder in which your body can not process the sugar in blood because of the insufficient amount of insulin in it. Diabetes is reported most common complication in the pregnancy with 3.3 % of all live births. Irrespective of your diabetes type your healthcare support team can make sure to have a safe and healthy pregnancy so read tips on burniva.com.

Types of diabetes

Type I diabetes – it is an autoimmune disease that requires daily use of insulin. It is often reported in childhood and in young adults.

Type II- it is the most common form of diabetes. 90 to 95% of diabetic patients are of type 2. This type of diabetes is associated with old age, obesity physical inactivity, and family history.

How hypoglycemia and hyperglycemia, can affect pregnancy?

Hypoglycemia and hyperglycemia are the medical conditions when blood sugar level is too low and too high respectively. They both are very common in women who have the history of diabetes.

Symptoms of hypoglycemia

  •    blurred vision
  •    fatigue
  •    the sudden change in mood

Factors that can trigger Hypoglycemia are:

  •    Skipping or delaying your scheduled meals
  •    Eating insufficient meals
  •    Exhaust  yourself physically

Treatment – hypoglycemia can be treated by drinking or eating sweets or anything that contains sugar. You can have orange juice, chocolates.

Hyperglycemia– it is the condition when your body doesn’t have enough insulin in blood or unable to use insulin properly.

Symptoms of hyperglycemia:

  •    You will always feel thirsty
  •    Suddenly lost in weight
  •    Urination often

Factors that can trigger Hyperglycemia are:

  •    Unbalanced and Improper food consumption
  •    Unstable amount of insulin in your body.
  •     Stress can cause hyperglycemia.
  •    Physically inactive

Treatment

hyperglycemia is treated by maintaining your insulin level in your body.

Symptoms of diabetes

Type I diabetes

The symptoms of type 1 diabetes are

  1.    Increased thirst
  2.    Urination
  3.    Weight loss
  4.    Blurred vision
  5.    Fatigue.

Type II diabetes

  1.    Increased thirst
  2.    Slow healing of kidney and bladder infection
  3.    Constant hunger and fatigue.

Risk of diabetes in pregnancy:

Diabetes can affect your baby negatively and harm him. There could be following conditions can arise in the baby when the mother is having diabetes.

The Hypoglycemia – in this condition after the birth baby may develop low blood sugar level due to high insulin level in blood of the baby. Controlling your blood sugar level can help to lower down the risk of hypoglycemia in the baby.

Macrosomia – Under this condition the baby’s size becomes large due to excess insulin passing through the placenta and because of its complication may arise in vaginal delivery with the risk of injury to the baby during the process of birth.

Jaundice – jaundice is the disease in which skin and eye color become yellow and sometimes attributed to diabetes.

This article is for education purpose only it doesn’t provide any medical suggestions.  

गर्भावस्था संबंधी जटिलता: प्लेसेंटा प्रावीया

Pregnancy complications

इस अनुच्छेद में, आप जानेंगे

प्लेसेंटा प्रीवाया: एक परिचय

प्लेसेंटा प्रीवाया: लक्षण

प्लेसेंटा प्रीवायाः कारण

प्लेसेंटा प्रीवाया: किस महिला को इस बीमारी के होने का अंदेशा ज्यादा होता है।

प्लेसेंटा प्रीवाइया: इस बीमारी से ग्रसित महिलाओ को किस प्रकार के जटिलताओं का सामना करना पड़ता है।

प्लेसेंटा प्रीवाया: परिचय।  

नाल माश्पेसी की  संरचना है। जो गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय में विकसित होती है और भ्रूण का भरण पोषण  करती है। प्लेसेंटा ( नाल ) से भ्रूण (शिशु ) को खाद्य पोषण, रक्त और अन्य एंटीबॉडी (जो उसकी रक्षा बीमारियों से करती है)  मां से प्राप्त करता है । नाल गर्भाशय के निचले तरफ स्थित होती है। प्लेसेंटा प्रिविया में, नाल-गर्भाशय सर्विक्स को ढाक लेती है, और इसके कारण गर्भावस्था के दौरान गंभीर रक्तस्राव होता है।  गर्भावस्था के दोरान यदि प्लेसेंटा प्रिविआ होता है, तो सीज़ेरियन डिलीवरी करवानी पड़ती है अथवा इसकी आवशकता पड़ती है। कई बार ऐसी संभावना होती है , कि यह गर्भावस्था के उत्तरार्ध में ही यह समस्या हल हो जाये  और डिलीवरी नार्मल (प्राकृतिक) तरीके से हो ।

प्लेसेंटा प्रीवाया: लक्षण

प्लेसेंटा प्रिविया के  लक्षण निम्नानुसार हैं:

  1. गर्भावस्था के दूसरे और तीसरे तिमाही के दौरान उज्ज्वल लाल रंग का योनि से  रक्त का स्त्राव होना।
  2. कुछ महिलाओं में मरोड़ के भी लक्षण देखने को मिलते है।  

यदि आपको  गर्भावस्था के दौरान  किसी भी तरह का रक्त स्त्राव योनि से हो तो इसकी सूचना तुरंत अपने डॉक्टर को दे। अथवा तुरंत अपने चिकित्सक सलाहकार को फोन करें या अपने डॉक्टर के साथ एक नियुक्ति बुक करें।

प्लेसेंटा प्रीवायाः कारण

इस विकार के सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल  पाया है। वैज्ञानिक अभी इस बीमाती पर शोद कर रहे है।

प्लेसेंटा प्रीवाया: किस महिला को इस बीमारी के होने का अंदेशा ज्यादा होता है।  

प्लेसेंटा पीटीया होने की संभावना महिलाओं इन को होने के सम्भावना ज्यादा होती है जो निम्नलिखित कारणों में खुद को पति है।  आम महिला के अपेक्षा यह महिलाये प्लेसेंटा प्रिविआ के शिकार हो इसकी सम्भावना ज्यादा होती है।

१. जो दूसरी बार गर्भ धारण कर रही है।  

२.  गर्भाशय में सर्जरी करवा चुकी  है।

३.  जिन महिलाएं गर्भाशय पर पुराने चोट के निशान हैं।  

४. जिन महिलाओ के  सिजेरियन डिलिवरी पहले हो चुकी हो।  

५. जिन महिलाओ को पहले भी प्लेसेंटा प्रिविआ हो चूका हो।  

६.  एक से अधिक भ्रूण का गर्भाशय में होना अर्थात जुडवा अथवा तिड़वा बचे का गर्भ में होना।  

७..  मादक पदार्थों की आदी महिलाए ।  

८  धूम्रपान करने वाली महिलाएं  के।

९.  महिलाएं जो ३५ साल के उम्र के बाद गर्भ धारण करती है।  

प्लेसेंटा प्रीवाइया: इस बीमारी से ग्रसित महिलाओ को किस प्रकार के जटिलताओं का सामना करना पड़ता है।  

प्लेसेंटा प्रिविआ  से पीड़ित महिलाओं के साथ गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं  इस प्रकार हैं।

१.  गर्भावस्था के  दौरान पूरे समय से रक्त स्त्राव होना।  

२.  नकसीर का होना अथवा  वमन करना ।

३. अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हो सकता है समय से पहले हे बच्चे का जनम हो जाये अथवा  आपका डॉक्टर अपकी सिज़ेरिअन डिलीवरी कर सकता है। ताकि अप्प और बच्चा दोनों सुरक्षित रहे।  

४.  महिलाएं शिशु को सिज़ेरियन अर्थात ऑपरेशन से जन्म  दे सकती है।

यह जानकारी सिर्फ आपका ज्ञान  देने के लिए है हम किसी भी प्रकार आपको चिकित्सीय सलाह नहीं  प्रदान करते है अधिक जानकारी अथवा चिकित्या सलाह के लिए वेबसाइट में दिए  कॉल करे।

गर्भावस्था में माहवारी

Pregnancy

गर्भावस्था का एक नियम है, और वो यह है की यदि आप गर्भवती है तो आपको माहवारी नहीं होंगी और यदि आपको माहवारी होती है तो आप गर्भवती नहीं है। यह उतना ही सत्य है, जितना सूर्य का पूर्व से उदय होना । गर्भावस्ता में माहवारी का भले ही कितना भी क्लेम किया गया हो, यह पूर्ण रूप से सत्य है की गर्भावस्ता के दौरान माहवारी नहीं होती । और यदि आपको माहवारी हो रही है तो बधाई हो आप गर्भवती नहीं हैं । हाँ थोड़ा बहुत रक्तरसाव योनि से हो सकता है परन्तु वह हलके गुलाबी रंग का होगा । यदि गर्भवस्ता के पहले तिमाही में आपका पैड पूर्ण रूप से रक्त से भर रहा हो तो आप गर्भवती नहीं हैं । यदि गर्भवस्ता के अवधि के तिमाही के बाद अथवा गर्भवस्ता में किसी भी प्रकार का रक्तस्राव हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ यह गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं, जिससे आपको और आपके शिशु को हानि पहुँच सकती है ।

क्या आप जानते हैं, की केवल 1/4 गर्भवती महिलाएं ही शिशु को जन्म दे पाती हैं । शेष को तो पता भी नहीं चलता की वह गर्भवती है, उन्हें पता चले इससे पहले ही उनका गर्भ अस्थिरता के कारन समाप्त हो जाता है । दुनिया में केवल 1/4 गर्भवती महिलाएं ही शिशु को जन्म दे पाती है ।

गर्भावस्ता के दौरान किसी भी प्रकार के रक्तस्राव के लक्षणों इन कारणो से हो सकता है ।

१) इम्प्लांटेशन रक्तस्राव :
इम्प्लांटेशन रक्तस्राव तब होता है जब महिला को पता भी नहीं होता की वह गर्भवती है, जब भ्रूड़ गर्भशय में स्थिर होता है जब यह रक्तस्राव होता है । जिसमे सिर्फ कुछ बुँदे ही रक्त के बहती है ।

२) मॉलर गर्भवस्ता

३) एक्टोपिक गर्भवस्ता ( इसमें भ्रूड़ गर्भाशय को छोड़ कर कही और स्थिर हो जाता )

४) किसी भी तरह की गर्भवस्था के दौरान गर्भपात या गर्भपात के लक्षण ।

५) गर्भशय ग्रीवा (सर्विक्स) के आकार में बदलाव ।

६) इन्फेक्शन अर्थात संक्रमण – यह संक्रमण गर्भशय अथवा योनि कही पर भी हो सकता है ।

७) समय से पूर्व शिशु का जन्म अथवा उसके लक्षण ।

८) गर्भशय ग्रीवा (सर्विक्स) में फैलाव ।

९) गर्भपात

१०) प्लेसेंटा प्रिविया

११) प्लेसेंटा का गर्भाशय से अलग हो जाना ।

१२) वासा प्रिविया ।

१३) गर्भाशय में किसी भी कारण से रक्तस्राव होना ।

यदि आप गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह से योनि से रक्तस्राव को महसूस करे अथवा जाने तो तुरंत अपने चिकित्सीय सलाहकार से संपर्क करें । आपके और आपके शिशु के लिए यह हानिकारक हो सकता है ।

रक्तस्राव के साथ हो सकता है आप इन लक्षणों को भी महसूस करे

१) पेट अथवा गर्भाशय में दर्द अथवा मरोड़ ।

२) पीठ में दर्द ।

३) बेहोश हो जाना ।

४) आँखों के आगे अँधेरा छा जाना (ब्लेक आउट होना)

५) थकान होना शरीर में ।

६) बुखार होना । बुखार थोड़ा या ज्यादा कैसा भी हो सकता है । गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार का बुखार हो तो उसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिए तुरंत अपने चिकित्सीय सलाहकार को इसके बारे में सूचित करे ।

७) बहुत ज्यादा वामन करना अथवा नकसीर होना ।

यह आलेख केवल शैक्षिक उद्द्देश्यों के लिए है, यह कोई चिकित्सा सलाह प्रदान नहीं करता है ।

भ्रूड़ के प्रत्यारोपण के बाद होने वाला रक्तस्राव ( इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग )

Implantation Bleeding

इस अनुच्छेद ,में , जानेंगे –

प्रत्यारोपण रक्तस्राव: परिचय ।

      प्रत्यारोपण रक्तस्राव: के कारण ।

प्रत्यारोपण रक्तस्राव: के लक्षण ।

       प्रत्यारोपण रक्तस्राव: के उपचार ।

प्रत्यारोपण रक्तस्राव: के परिचय ।

भ्रूड़ फॉलोपियन ट्यूब से निचे जाता है, और गर्भाशय की दीवार से जुड़ता है जिसके परिणामस्वरूप योनि से खून बहता है जो बहुत कम और हल्का रंग का होता है । जिसे इम्प्लांटेशन रक्तस्राव कहा जाता है । महिलाये अक्सर इसे माहवारी समझ कर भूल करती है । क्योंकि यह माहवारी की उनकी नियत तारिख के आस पास होती है लेकिन प्रत्यारोपण रक्तस्राव और उसकी माहवारी में अंतर है । खून का रंग रक्तस्राव में प्रत्यारोपण के दौरान नियमित रूप से माहवारी के रक्तस्राव से भिन्न होता है, यह हलके गुलाबी रंग से गहरे भूरे रंग तक हो सकता है । यह केवल 48 घंटे तक ही रहता है 5 से 7 दिनों के लिए नहीं रहता है । आम तौर पर इसे किसी भी चिकित्सीय ध्यान की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक रहता है, तो अपने चिकित्सीय सलाहकार से संपर्क करें ।

प्रत्यारोपण रक्तस्राव: के कारण ।

जैसा कि ऊपर वर्णित है की प्रत्यारोपण रक्तस्राव गर्भशय की परत से भ्रूड़ के जुड़ने का नतीजा है । भ्रूड़ जब गर्भाशय से जुड़ता है और अपने विकास को आगे बढ़ाता है तब गर्भाशय की दीवार से जुड़ने के समय गर्भाशय की दीवार से जुड़ने के समय गर्भाशय की दीवार से कुछ कोशिकाएं टूट के अलग हो जाती हैं जिसके परिणामस्वरूप योनि से रक्त स्त्राव होता है ।

प्रत्यारोपण रक्तस्राव: के लक्षण ।

गर्भधारण के शुरुआती संकेत के रूप में आप इसे समझ सकती है । यहाँ निचे लक्षण सूचीबध्य हैं जो महिला को प्रत्यारोपण रक्तस्राव समझने में मदद करते हैं :

  1. प्रत्यारोपण रक्तस्राव – यह रक्त स्त्राव आपकी माहवारी की नियत तारीख से कुछ दिन पहले होगा और सिर्फ ४८ घंटे तक ही होगा ।
  2. रंग में परिवर्तन – रक्त हल्का गुलाबी रंग का होगा ।
  3. रक्तस्राव की अवधि – यह केवल ४८ घंटे तक होगी, यदि यह इससे ज्यादा लंबे समय तक हो तो आप अपने चिकित्सक को हैलो कहने के लिए खुद को तैयार करले ।
  4. मूड स्विंग्स – आप अपने स्वाभाव में परिवर्तन महसूस करेंगे ।
  5. आप थका हुआ महसूस करेंगे ।
  6. चक्कर आना – प्रत्यारोपण रक्तस्राव आपको चक्कर आने की स्तिथि में ला सकता है ।
  7. सिरदर्द – यह प्रत्यारोपण रक्तस्राव का यह एक बहुत सामान्य लक्षण है और अक्सर अन्य कारकों के साथ गलत समझा जाता है ।
  8. स्तन के आकार में वृद्धि ।
  9. मतली और उलटी ।
  10. यह कब्ज पैदा कर सकता है ।
  11. आपकी सूंघने की शक्ति में इजाफा हो जायेगा ।
  12. आपके शरीर के तापमान में वृद्धि हो जाएगी ।

प्रत्यारोपण रक्तस्राव: के उपचार ।

प्रत्यारोपण रक्तस्राव पूरी तरह से सामान्य है । गर्भावस्था के समय महिलाओं में 50 % महिलाओ को यह होता है । यह गर्भधारण के 6 से 12 दिन बाद हो सकता है । इसमें किसी भी प्रकार के उपचार की आवश्यकता नहीं होती है, परन्तु तभी तक, जब तक कुछ जटिलता नहीं होती है । यदि आपको 48 घंटे से अधिक समय तक रक्तस्राव हो तो अपने चिकित्सीय सलाहकार से संपर्क करें । प्रत्यारोपण रक्तस्राव में चिकित्सक यह सलाह देते है की टैम्पोन का इस्तेमाल न करें, इससे आपके शरीर को नुकसान हो सकता है ।
यह आलेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है, यह कोई चिकित्सा सलाह या सहायता प्रदान नहीं करता है ।

Pregnancy complication: Placenta Previa

Pregnancy

In this article, you will learn:

Placenta Previa: an introduction

Placenta Previa: symptoms

Placenta Previa: causes

Placenta Previa: who is at risk?

Placenta the Previa: complications.

Placenta Previa: an introduction.

The placenta is a muscular structure that develops in the uterus during pregnancy and supports the fetus. From placenta fetus exchange nutrition, blood and other antibodies with mother. The placenta is located on the lower side of the uterus. In placenta previa, the placenta-cover the cervix (cervix is the opening of the uterus) and because of it severe bleeding occurs throughout the pregnancy. Pregnancy with placenta cervix complication might require C- section delivery. There are chances that it resolves in the latter half of the pregnancy.

Placenta Previa: symptoms

The symptoms of placenta previa are as follows:

  1. Vaginal bleeding of bright red color during the 2nd and 3rd trimester of the pregnancy.
  2. Some women’s reported contractions as well.

If you are having any of the symptoms during pregnancy does call your medical advisor right away or book an appointment with your doctor.

Placenta Previa: causes

The exact cause of this disorder is yet to discover out. Nobodies know that what exactly cause placenta previa.

Placenta Previa: who is at risk?

The chances of having placenta previa are more frequent among the women who-

  1. Already had a baby or experiencing second pregnancy.
  2. Have the history of surgery in the uterus.
  3. Women who have scars on the uterus.
  4. Women with the history of cesarean deliveries.
  5. Women with the medical history of placenta previa.
  6. Women carrying more than one fetus.
  7. Drug addicted women.
  8. Smokers.
  9. Women Age over 35.

Placenta Previa: complications.

The complications during the pregnancy with the women suffering from placenta previa are as follows. Your medical advisor will keep you in closed monitoring to avoid any complications.

  1. Severe vaginal bleeding throughout the course of pregnancy.
  2. Hemorrhage.
  3. Because of excessive bleeding Preterm delivery may occur. Or the doctor may do preterm cesarean delivery.
  4. Women can have C- Section delivery of the baby

Diagnosis of the bleeding during pregnancy

Garbh Sanskar

The bleeding during the pregnancy can be diagnosed by following ways:

  1. Physical examination
  2. Lab test
  3. Ultrasound

Once you get to your doctor he will start the medical evaluation by asking you about your medical history followed by the physical examination of your body. In medical history, he may ask you about your previous pregnancy if you had been to Caesarean delivery or any complications in pregnancy. He may also ask for any kind of pelvic surgery you had gone through any. Your medical advisor may also ask for your habits related to smoking or you had been to any recent trauma.

Physical examination:

The first thing that your physician will do is you evaluate your body about how sick you are because of bleeding. This can be done by observing your vital signs like pulse rate and blood pressure. The physician will do the analysis of blood loss cause of bleeding by evaluating your skin color.

  1. Pelvic examination along with abdomen to check for any tenderness and the size of your uterus.
  2. The quality and quantity of your abdominal pain. And how frequently you experience it. He will do the assessment of the same.
  3. Vaginal examination and vaginal bleeding characteristics like – color, quantity, and quality.
  4. Abnormality in the uterus shape and size.

Laboratory diagnosis:

Once the physical examination will be performed your physician will ask you for lab tests. There is a number of tests that routinely obtained. They are

  1. Pregnancy Test
    – The physician will perform the pregnancy test to check whether you are pregnant or not. 
  2. Urine analysis
    Urine tests very sensitive for detection of pregnancy. It is also helpful for diagnosis of urinary tract infections. An infection in the urinary tract may lead to miscarriage. Urinary infection is common at the time pr pregnancy many women do have the urinary infection even without any symptoms. 
  3. Blood type, Rh factor, and Complete blood count test
    Your blood type analysis will be performed with Rh factor examination. It is very necessary to avoid complications in pregnancy like if you are negative and the daddy is positive then your body will start making antibodies and next time when you get pregnant then these antibodies will harm the baby. If it is detected in the first pregnancy it can be treated. Blood count test is necessary to evaluate the total blood loss that has occurred. 
  4. Blood hormone test for pregnancy
    Blood hormone test is required for the analysis of pregnancy whether it is normal or abnormal. The level of different hormone in blood state the status of the healthy pregnancy in the women.

Ultrasound

  • Ultrasound is very useful to determine the health of baby inside there. Ultrasound is the technique of forming the image using sound waves.
  • Ultrasound help in detecting the tubal pregnancy and it can also estimate the blood in pelvic and can help in detecting the rapture fallopian tube.
  • It helps in evaluating the placenta previa and placental abruption. Ultrasound is the very best source to detect the placental abruptions.
  • Ultrasound is also useful in detecting the fetal bleeding for this purpose Doppler a special type of ultrasound is been used it can detect the blood flow within the blood vessels.

All that you want to know about implantation bleeding

Garbh Sanskar

In this article, you will learn about-

Implantation bleeding: an Introduction.

Implantation bleeding: causes.

Implantation bleeding: symptoms.

Implantation bleeding: Treatment.

Implantation bleeding: an Introduction

The fertilized egg travels down and attached to the wall of the uterus which results in mild bleeding this is called as implantation bleeding. Women often misunderstood it with the period as it likely occurs around their due date of the period but there is the difference in implantation bleeding and your monthly period. In the implantation bleeding the color of blood varies from the regular period bleeding it could be light pink to dark brown in shade and it last for only 48 hours not for 5 to 7 days. Normally it does not require any medical attention but if it last for long, do contact your medical adviser.

Implantation bleeding: causes.

As stated above the implantation bleeding is the result of fertilized egg attached to the lining of uterine. The cell mass makes its way to further development and attaches to the wall which results in shielding of the wall a little and causes light pigmented bleeding.

Implantation bleeding: symptoms.

One can take implantation as an early sign of pregnancy. There are signs and symptoms listed down there which help a woman to understand the implantation bleeding:

  1. Early bleeding – you will bleed earlier to the due date of your period.
  2. Change in color – the color would be of light pink.
  3. Duration of bleeding – it will up to 48 hours only if it last longer. Prepare yourself to say hello to your doctor then.
  4. Mood swings – you will start noticing that there are random changes in your mindset or mood.
  5. You will feel tired – your body will feel low and demand rest.
  6. Dizziness – implantation bleeding can bring you to the state of dizziness.
  7. A headache – that is a very common symptom of implantation bleeding and often misunderstood with other factors.
  8. Increase in the size of breast – you will notice tenderness and swollen breast.
  9. Nausea- pregnancy hits the certain hormones secretions in the body like estrogen which causes. Sometimes it is followed by vomiting.
  10. It may cause constipation.
  11. It will give you feel of supernatural with increased sense of smell
  12. You will a raise in body temperature.

Implantation bleeding: Treatment.

Implantation bleeding is completely normal. 50% of women have it at the time of pregnancy. If Occur after 6 to 12 day of pregnancy. It doesn’t require any type of treatment unless some complication happens. If you observe bleeding for more than 48 hours does visit your doctor. For implantation bleeding doctor recommended not to use tampons, it may cause harm to your body.

This article is for educational purpose only; it doesn’t provide any medical advice or assistance .

Pregnancy complications: Ectopic Pregnancy

Pregnancy

In this article, you will learn about Ectopic

pregnancy: an introduction Ectopic pregnancy:

Causes Ectopic pregnancy: signs and symptoms

Ectopic pregnancy: who are at higher risks?

Ectopic pregnancy: ectopic pregnancy diagnosed

Ectopic pregnancy: an introduction

Ectopic pregnancy is referred to the fertilization of the egg that happens anywhere other than the uterus, many times the site is none other than the fallopian tube. Therefore sometimes it is also known as tubal pregnancy. The fallopian tube is not designed to hold a baby: that’s why it is required to be treated. For growth of embryo (baby), the fertilized egg must be in the uterus only. This complication is common about 1 out of 50 pregnant women experience it.

Ectopic pregnancy: Causes

If you will look at the causes of ectopic pregnancy you will find there are more than one causes or two and more cause and act at the same time.

Here is the list of them-

  1. Any infection in the fallopian tube which can result in blocking the fallopian tube partial or complete. This blockage didn’t allow the fertilized egg to travel down in the uterus and cause ectopic pregnancy.
  2. Sometimes a scar tissue from a previous surgical procedure or an infection produce barrier in the pathway of the fertilized egg and block the tube, therefore, the embryo doesn’t travel down and you experience the ectopic pregnancy.
  3. Surgery in the pelvic area of your body or in the fallopian tube causes the adhesion of the fertilized egg over there.
  4. If you have a defect in the fallopian tube or any abnormality in its shape it also results in tubal pregnancy.

Ectopic pregnancy: signs and symptoms

You will experience the normal signs and symptoms of pregnancy with one or more symptoms listed below:

  1. The very first symptom is the sharp stabbing pain in pelvis or abdomen. Sometimes the pain can also be observed in neck and shoulder because the blood travels up under the diaphragm from the ruptured ectopic pregnancy. The intensity of pain may be varied and it may come and go.
  2. Dizziness.
  3. One may get faint.
  4. You will experience the weakness.
  5. Vaginal bleeding, it may be heavy or lighter than normal period.
  6. Upset stomach or other gastrointestinal infection symptoms.

If you are experiencing any of the symptom or sharp pain in the abdomen do contact your doctor immediately.

Ectopic pregnancy: who are at higher risks?

If one belongs to any of the following categories then the chances of tubal pregnancy are higher in them in comparison to the other one.

  1. If the age of pregnant lady is between 35 to 44 years.
  2. You have already been victim of ectopic pregnancy
  3. If one had been through abdominal surgery or have history of pelvic surgery
  4. If one has pelvic inflammatory disorder or disease.
  5. History of induced abortions.
  6. Conceiving from the tubal ligation.
  7. Smoking habits are very much responsible for ectopic pregnancy
  8. If you are on fertility medication or had been.

Ectopic pregnancy: ectopic pregnancy diagnosed

  1. The tubal pregnancy is diagnosed by the doctor, he first examines pelvic region of your body to locate the pain, tenderness or any mass in your abdomen.
  2. The doctor will use the ultrasound report to locate the position of the embryo.
  3. The doctor will be asking for some hormone test like progesterone, low level of progesterone suspect the tubal pregnancy.
  4. Another very important factor for testing the ectopic pregnancy is the level of hCG in your body. Low level of hCG may be the result of tubal pregnancy.

Menstruation аnd рrеgnаnсу

Garbh Sanskar4

Thеrе іѕ a thumр rule of the рrеgnаnсу whісh is you dо not оbѕеrvе реrіоdѕ in рrеgnаnсу. Yеѕ, thеrе іѕ no mеnѕtruаtіоn in рrеgnаnсу. Dеѕріtе аll the сlаіm hаd bееn done YOU DO NOT hаvе periods іn рrеgnаnсу. But yes you may оbѕеrvе lіght pink ѕроttіng іn early рrеgnаnсу. If уоu are bleeding еnоugh tо fіll your pad then соngrаtulаtіоnѕ уоu аrе рrоbаblу nоt pregnant. In thіѕ аrtісlе, you wіll lеаrn about the саuѕеѕ and ѕуmрtоmѕ of blееdіng during thе рrеgnаnсу.

If you lооk аt the dіffеrеnсеѕ between bеіng рrеgnаnt and hаvіng реrіоdѕ іt іѕ сlеаr-сut Onсе уоu’rе рrеgnаnt, уоu don’t hаvе mеnѕtruаtіоn anymore. If you dо bleed down thеrе during the pregnancy it mіght bе rеlаtеd tо something else but dеfіаntlу nоt wіth the mеnѕtruаtіоn Ultіmаtеlу, period іѕ thе ѕіgn thаt уоu аrе nоt рrеgnаnt. Do уоu knоw Onlу ¼ of thе pregnancy rеасhеѕ tо thе сhіld birth? Some women gоnе thrоugh mіѕсаrrіаgе even bеfоrе thеу knоw they are pregnant іѕn’t strange.

Garbh Sanskar4

Sоmе оf the саuѕеѕ оf bleeding іn еаrlу рrеgnаnсу аrе:

  1. Imрlаntаtіоn bleeding
    Implantation bleeding іѕ blееdіng that оссurѕ whеn thе fertilized еgg іmрlаntѕ іn thе lіnіng of thе utеruѕ. Yоu саn оbѕеrvе іt even bеfоrе you rеаlіѕе that уоu аrе pregnant.
  2. molar рrеgnаnсу (аbnоrmаl mаѕѕ fеrtіlіzеѕ instead оf a fеtuѕ)
  3. ectopic рrеgnаnсу (а рrеgnаnсу оutѕіdе оf the utеruѕ)
  4. еаrlу ѕіgnѕ оf a mіѕсаrrіаgе or a miscarriage
  5. сhаngеѕ іn the cervix
  6. іnfесtіоn
  7. term оr рrеtеrm labor оr cervical dilation
  8. mіѕсаrrіаgе
  9. placenta рrеvіа
  10. рlасеntаl abruption
  11. utеrіnе rupture (rаrе)
  12. vasa previa (rаrе)

Thеѕе аll bleeding dіѕоrdеr will оr саn аlѕо bе ассоmраnіеd by following the ѕуmрtоmѕ :

I. Sеvеrе сrаmрѕ оr аbdоmіnаl раіn.

II. Bасk раіn.

III. Fаіntnеѕѕ оr losing consciousness уоu mау оbѕеrvе blackout tоо.

IV. Fatigue іt іѕ vеrу соmmоn and саn bе mіѕundеrѕtооd much time thеrеfоrе іt is nесеѕѕаrу tо рау attention іf уоu rеgulаrlу fееlіng fаtіguе

V. Shoulder pain it may соmе wіth back раіn.

VI. Fеvеr- еvеn іf уоu оbѕеrvе mild fеvеr during thе соurѕе оf pregnancy dо vіѕіt thе doctor. Dо nоt avoid іt.

VII. vаgіnаl dіѕсhаrgе changes- It may bе light ріnk оr dаrk pink.

VIII. uncontrollable nаuѕеа аnd vоmіtіng.

If your tеѕt fоr thе pregnancy іѕ positive and still уоu аrе оbѕеrvіng blееdіng in еаrlу рrеgnаnсу іt is hіghlу rесоmmеnd to соntасt thе dосtоr right away tо avoid аnу соmрlісаtіоnѕ in рrеgnаnсу.

Thе blееdіng аftеr thе fіrѕt trіmеѕtеr it іѕ usually a sign thаt something іѕ wrong. Do nоt take іt lightly, Nо mаttеr whаt whеthеr bleeding durіng thе lаtе рrеgnаnсу is light оr hеаvу оr just a ріgmеntѕ оnlу, even wіth оr wіthоut аnу оthеr symptoms rеlаtеd tо any dіѕеаѕе, уоu must саll to уоur dосtоr right away аnd dіѕсuѕѕ wіth hіm/hеr оr visit thе dосtоr fоr an emergency vіѕіt.

There are Mаnу of thе соndіtіоnѕ that happen in the second half of the pregnancy which cause bleeding and оthеr symptoms ѕіmіlаr tо a реrіоd. But, thеѕе аrе not really mеnѕtruаtіоn.

This article is for educational purpose only, it doesn’t provide any medical advice.

Myths аnd mіѕсоnсерtіоn іn рrеgnаnсу

Myths and Misconception about pregnancy

Garbh Sanskar 4

Prеgnаnсу is a wonderful time іn аnу wоmеn’ѕ lіfе and іt соuld be spoiled by mуthѕ and thе misconception. Here I аm wrіtіng dоwn ѕоmе соmmоn mуthѕ аbоut рrеgnаnсу and іtѕ соrrеlаtіоn wіth truth. Onе should аvоіd the mуthѕ and mіѕсоnсерtіоn during the рrеgnаnсу ѕоmеtіmеѕ it can be hаrmful fоr bаbу and mоthеr to blіnd folded bеlіеvе thе myths. But оnе ѕhоuld be саrеful every not аll the mуthѕ are unrеаѕоnаblе there аrе some myths whісh actually dо hаvе the ѕсіеntіfіс bаѕеѕ bасkіng them. Here I will reveal thеm аѕ well.

Pregnancy

  • If the unbоrn baby hаѕ an lоt оf hair, vоmіtіng durіng pregnancy will increase – False!
    • Its thаt one should еѕtrоgеn to blаmе, which іѕ responsible for thе urgе оf nausea and dіffісultу tо eat lеаdѕ to vomiting.
  • If you dоn’t eat wеll in thе first thrее mоnthѕ оf pregnancy, the baby will bе аffесtеd – False!
    • It іѕ a complete lie thе bаbу’ѕ bоdу іѕ fоrmеd bу thе whаt you hаd еаtіng 3 mоnthѕ bеfоrе thе pregnancy nоt аt the fіrѕt 3 mоnthѕ of рrеgnаnсу. Thаt’ѕ whу оnе ѕhоuld рlаn the рrеgnаnсу bеfоrе gеttіng рrеgnаnt.
  • You should bе undеr complete bеd rest іn thе fіrѕt three months оf pregnancy – Fаlѕе!

    Rеаllу! And you bеlіеvеd іt. Thіѕ is аbѕоlutеlу untruе. Sее If thе pregnancy has fоrmеd nоrmаllу, physical асtіvіtу саnnоt lеаd to a mіѕсаrrіаgе(** ѕау nо tо hіgh рhуѕісаl ѕtrеѕѕ). On thе оthеr hаnd, іf thе рrеgnаnсу іѕ abnormal аnd is dеѕtіnеd tо mіѕсаrrу, no аmоunt of bеd rest саn kеер іt ѕаfе. Thеrе іѕ nо ѕсіеntіfіс bаѕіѕ for a рrеgnаnt woman tо be аdvіѕеd complete bеd rеѕt іn early рrеgnаnсу unless ѕhе hаѕ hаd ѕоmе blееdіng. In thаt case, she will bе asked tо rеѕt fоr an fеw days.

  • Yоu ѕhоuld nоt сlіmb ѕtаіrѕ іn thе first trіmеѕtеr рrеgnаnсу – False!

    The rеаѕоn is ѕаmе as аbоvе. Nоrmаl pregnancy dоеѕn’t еnd in miscarriage whіlе сlіmbіng thе ѕtаіrѕ but hеаvу workout ѕhоuld be аvоіdеd аnd сlіmbіng ѕtаіrѕ doesn’t соunt іn thаt.

  • Traveling іn a аutо rісkѕhаw оr оn bumpy rоаdѕ саn lеаd to a mіѕсаrrіаgе – Not true!
    The concept behind іt is the ѕаmе аѕ оf climbing thе ѕtаіrѕ and ѕо the reasons.
  • You ѕhоuld nоt eat рарауаѕ, it mау саuѕе a mіѕсаrrіаgе – true! Yеѕ іt mау саuѕе mіѕсаrrіаgе. Be саutіоuѕ whеn уоu tаkе papaya.
  • Sеѕаmе ѕееd (tіl seeds, ellu) саn cause an abortion –well іt is nоt completely fаlѕе іt depends оn muсh уоu соnѕumе іt. If you eat tоо muсh оf sesame іt mау rіѕе up the tеmреrаturе of your bоdу which mау саuѕе mіѕсаrrіаgе or hаrm thе bаbу.
  • Irоn tаblеtѕ can саuѕе, your bаbу’ѕ be dark – Nоt true!
    Sее bеаutіful the соlоur оf ѕkіn is dеtеrmіnеѕ bу thе gеnеѕ оnlу, consuming іrоn wіll bеnеfіt уоu.
  • Eating ghee is important bесаuѕе іt wіll make the dеlіvеrу easy – іt’ѕ not соmрlеtеlу fаlѕе!Ghee іѕ an unѕаturаtеd fat and a great ѕоurсе оf сhоlеѕtеrоl dо you knоw mаx hоrmоnе is mаdе uр of сhоlеѕtеrоl оnlу, іf see thе сhеmіѕtrу оf hormone thеn mаnу оf thеm hаvе сhоlеѕtеrоl іn their раrеnt ring аnd рrеgnаnсу ѕuрроrtіng hоrmоnе іѕ one оf thеm so іt a bіg уеѕ it do ѕuрроrt thе dеlіvеrу еаѕу but еxѕеѕ of ghее саn end іn mоrе hours іn gуm fоr уоu. Sо one ѕhоuld consume only thе required ԛuаntіtу if уоu wаnt tо аvоіd unwаntеd wеіght.